कलाकार के कला के नई रहिगे हे मोल

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”ये रचना ला सुनव”]

अभी के बेरा म छत्तीसगढ़ म कला के कमी नई हे अउ कलाकार मन के घलोक कमी नई हे, फेर कला के मान करईया मन के कमी होंगे हे। अब सब झन कला या कलाकार ल पइसा म तौलथे, ओखर जीवन भर के महेनत सम्मान के कोई अहेमियत नई समझे। छत्तीसगढ़ के भासा ल सविधान म सामिल नई करे गे हे तेखर कारन ईहा के कलाकार जेन मन अपन महतारी भाखा म अपन कला ला बगरावत हे तेखरो कमे पुछैया हे,तेखर सेती अतका बड़े कलाकार मन ला अपन कला ल पहिचान दिलाये के खातिर मंच म बइठ के लड़ना पडत हे। तभो ले कोनो कोती ले भी उखर कला के सम्मान नई होवत हे। छत्तीसगढ़ी कला ल भासा के माध्यम से चाहे गीत संगीत नाटक के माध्यम से कोनो न कोनो रूप म विस्व ईस्तर तक हमर छत्तीसगढ़ के कलाकार मन पहुचाये हे। फेर छत्तीसगढ़ अउ पण्डवानी ल विस्व इसतर म पहिचान दिलाने वाला स्वर्गी पूनाराम निषाद जी जात-जात येला दिखा दिस की एक छत्तीसगढ़ी कला कर के का हाल हे ये सब्बो कला कार मन बर शिख हे की अपन कला ला बगराये के पहली अपन महतारी भाखा ला बगराये ला लगही तभे उखर कला के मान हो पाही। नई तो कईथे न कुकुर असन गती हो जाही। दूसर राज के मनखे मन इहाँ आके मजा ले थे अउ हमरे राज के मनखे मन ल सम्मान नई मिलत हे अपन पहिचान बर लड़ना पडत हे। जो मनखे मन अपन जनम देवइया भूमि के अपन महतारी भाखा के मान नई कर सकय तेला दुसरो मन मान नई देवय। फेर हमर कला कर मन अपन कोती ले अपन महतारी भाखा बर लड़त हे तभो ले कुछु कमी तो रही गे हे जेखर कारन अपन भाखा ला मान सम्मन नई देवापात हन।
जतका छत्तीसगढ़िया संगी संगवारी मन हे चाहे कलाकार हो साहित्यकार हो क्रांतिकारी हो सब्बो झन मिल के अपन महतारी भाखा बर आधु आही तभे बात बन पाही।



सब ल मिल के एक जगहा ले अपन महतारी भाखा ल पहिचान दिलाये के खातिर आघु आये ल लगही। आघु देखहु त कुछु कुछु बदलाव दिखही बस संसो कर के अपन काम ल करे ल लगही फेर सब बने-बने हो जाही।
फेर छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़ी भाखा के मान के जिम्मा कोई कलाकार या कोई साहित्यकार मन नई ले हे। ये तो सब्बो छत्तीसगढ़िया मन के बुता हे। अपन बोली भाखा ल बगराना चाही सब्बो डहर जब दूसर राज के मनखे मन अपन भाखा ल हमर राज म आके बड़ हिम्मत ले बोलथे त फेर हमन इहा के रहईया मनखे मन अपन बोली भाखा ल बोले बर काबर लजाथन जब तक अपन बोली भाखा ल नई बोलबो नई सिखबो तब तक अपन अउ अपन राज के विकास नई कर सकन। त येखर बर सब्बो माई लइका सियान ल आघु आये ल लगही अउ अपन महतारी भाखा ल आघु बढ़ाये ल लगही।
जय जोहार,जय छत्तीसगढ़, जय छत्तीसगढ़ी क्रांति सेना।

अनिल कुमार पाली
तारबाहर बिलासपुर (छ.ग)
प्रशिक्षण अधिकारी आईटीआई मगरलोड धमतरी
मो:- 7722906664,7987766416


Related posts